5 हजार वर्ष की गुलामी से निजात का दस्तावेज है भारतीय संविधान।

संविधान दिवस पर नाजिरपुरा में हुआ गोष्ठी का आयोजन।


ब्यूरो रिपोर्ट, ज़की सिद्दीकी/कलीम उल्ला, 

J9 भारत समाचार न्यूज,,,

बहराइच। राष्ट्रीय संविधान दिवस के अवसर पर शहर के मोहल्ला नाजिरपुरा में अरशद सिद्दीकी के आवास पर सामाजिक संगठन हम्बल  लाइफ सोसायटी एवं नाजिरपुरा विकास मंच की ओर से एक गोष्ठी का आयोजन साकिब जमील सिद्दीकी की अध्यक्षता में संपन्न हुईl गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ अखिलेश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय मानवाधिकार न्याय आयोग ने कहा कि मनुष्य के जीवन के लिए विज्ञान व संविधान दोनों महत्वपूर्ण हैं, लेकिन भारत की आजादी के समय अगर विज्ञान को अपनाया गया होता तो यह देश विकास में आगे होता, लेकिन धर्म को अपनाया गया, जिससे बहुत सी समस्याएं देशवासियों के सामने है।

उन्होंने कहा कि संविधान की मूल आत्मा बराबरी, समानता व न्याय है। लेकिन शासक वर्ग ऐसा इसलिए नहीं चाहते कि उनका वर्चस्व समाप्त हो जाएगा। दूसरे वक्ता बामसेफ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश भारती ने संविधान के निर्माण से लेकर वर्तमान समय तक घटित घटनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि सबको बराबरी, स्वतंत्रता व विशेष मौलिक अधिकार प्रदान कर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने संविधान जैसा दस्तावेज तैयार कर 5 हजार साल की गुलामी समाप्त की थीl उन्होंने कहा कि देश में गरीबी, अशिक्षा, अन्याय, बेरोजगारी व आर्थिक विषमता जैसी समस्याएं इस बात का प्रमाण है कि देश में संविधान सही ढंग से लागू नहीं है। श्री भारती ने कहा कि मनुवाद से लड़ने के लिए बहुजन समाज के लोगों को अंबेडकरवाद को मजबूत करना होगा। इस अवसर पर मिथुन वाल्मीकि एडवोकेट, शफी अहमद व दावर किरमानी ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त कियेl गोष्ठी का संचालन शादाब हुसैन ने किया। 

इस कार्यक्रम में अरशद सिद्दीकी, दावर किरमानी, शाह आलम, राशिद अंसारी एडवोकेट, मिर्जा हामिद महमूद बेग, जीवनलाल वाल्मीकि, मोहम्मद छब्बन, हमजा खान, शफी अहमद, मोहम्मद उस्मान, मोहम्मद ताहा, अमन नासिर, शहाब हुसैन व कमाल अहमद शाह आदि मौजूद रहे।

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