उर्स ग़ाज़ी के मौके पर शायरों ने नात व मनकबत का नज़राना पेश किया।

उर्स ग़ाज़ी के मौके पर शायरों ने नात व मनकबत का नज़राना पेश किया।

रिपोर्ट, बच्चे भारती/ज़की सिद्दीकी, J9 भारत समाचार

बहराइच। विश्व प्रसिद्ध सूफी बुजुर्ग हज़रत सैय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी (रह0) के आस्ताना पर चल रहे 06 दिवसीय उर्स मुबारक के अवसर पर देर रात्रि नाल दरवाजे के सामने बने खूबसूरत पिण्डाल में अजीमुसशान नातिया मुशायरे का कार्यक्रम हुआ जिसमें मेहमान और स्थानीय शायरों ने सम्मलित होकर नात व मनकबत का नजराना पेश किया। दरगाह प्रबन्ध समिति के सदस्य मकसूद अहमद रायनी के संयोजकत्व में आयोजित नातिया मुशायरे की अध्यक्षता प्रसिद्ध शायर सैय्यद मुब्ससिर हुसैन असर बहराईची ने की और संचालन जमील अख्तर जैदपुरी ने किया। 

मुशायरे का आगाज मौलाना जाहिरुल कादरी की तिलावत कलाम अल्लाह से हुआ। इस अवसर पर जिन शोरा के कलाम पर लोगों ने सबसे ज्यादा दादो तहसीन से नवाजा उनके कलाम पेश खिदमत है।

नूर का माहौल है नूरी फिजा कुछ और है।

मुस्तफा के शहर की आबो हवा कुछ और है------कलीम तारिक

दिल मे उतरने लगता है चेहरा रसूल का 

जब देखता हूँ गुम्बदे ख़िज़्रा रसूल का।----- वसीम रामपुरी

जो भी मां बाप की खिदमत करते हैं चिश्ती

रसूल ए पाक उन्हें दिल से दुआ देते हैं ।------रहीम चिश्ती

ना अफ़ज़ल बोलता ना कमतर बोलता है 

खुदा का हुक्म हो जाय तो पत्थर बोलता है। -----–इकबाल अकरम वारसी

हर खास आम की यहां भर्ती हैं झोलिया 

ग़ाज़ी मियां के उर्स का ये फ़ैज़ आम है

हां मांगने हमको सलीका तो चाहिए

बटता यहां तो आज भी वहदत का जाम है। ------- तारिक बहराईची

बाग ए जन्नत में जो पहुंचा दे वो जीना मिल जाय

हम गुनाहगारों की मिट्टी को मदीना मिल जाय-------- काविश रूदौलवी।

मायूस क्यों हो मोमिनों मस्ज़िद में जाइये

बटता है पांचों वक्त में सदका रसूल का --------नदीम सिद्दीकी इनके अलावा तनवीर जरवली, डाक्टर मुबारक अली, राशिद राही, मंजूर बहराईची, रईस सिद्दीकी, ज़ामिन बहराईची, मोमिन बरकाती, अल्लन बहराईची, कौशर नेपाली ने अपने कलाम पेश किये। 

इस अवसर पर दरगाह प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष सैय्यद शमशाद अहमद एडवोकेट ने सभी मेहमान और स्थानीय शायरों का शुक्रिया अदा किया मुशायरे में दरगाह प्रबन्ध समिति के सदस्य दिलशाद अहमद एडवोकेट,अब्दुल रहमान बच्चे भारती, हाजी अज़मत उल्ला, मौलाना मोईन उद्दीन कादरी, हाजी अलीमुल हक़ मैनेजर दरगाह, मौलाना मो0 आरिफ, शकील मियां, शमशेर अली, वसीम मेकरानी, हीरो मेकरानी, शब्बू, सैय्यद आरिफ, शफीक भाई समेत बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।

Post a Comment

Previous Post Next Post