उर्स ग़ाज़ी मियां की तैयारी को लेकर मदारिस अरबिया के उल्माये किराम के साथ बैठक।
J9 भारत समाचार न्यूज
बहराइच :-हज़रत सैय्यद सालार मसूद ग़ाज़ी (रह0) के आस्ताना पर बुधवार को जिले के मदारिस अरबिया के जिम्मेदार उलमाए किराम और दरगाह प्रबन्ध समिति के सदस्यों की संयुक्त बैठक गोल कमरे पर समिति के अध्यक्ष सै0 शमशाद अहमद एडवोकेट की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें 23 जनवरी से आयोजित छह दिवसीय उर्स मुबारक के अवसर पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रमों को लेकर चर्चा करते हुवे सभी कार्यक्रमों को परम्परागत ढंग से निपटाने निर्णय लिया गया साथ ही तीन दिवस तक लगातार अंदुरुनी किले में होने वाली कुरआन खुवानी में अधिक से अधिक मदारिस के शिक्षकों व छात्रों की भागीदारी हो उसके लिये सभी को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी गई।
दरगाह प्रबन्ध समिति के सदस्य मौलाना मोईन उद्दीन क़ादरी द्ववारा आहूत बैठक में मौलाना मो0 आरिफ, मौलाना मुफ़्ती शमीम आलम, मौलाना गुल मो0, मौलाना इम्तियाज़ अहमद, मौलाना असगर अली,मौलाना अब्दुल अजीज नईमी, मौलाना अर्शदुल क़ादरी,मौलाना मुफ़्ती सुहेल अख्तर, मौलाना मो0 मोसाब खान, मौलाना मुफ़्ती शकील ,मौलाना खुर्शीद अहमद मिस्बाही, मौलाना जाहिरुल क़ादरी, मौलाना अनीस, कारी अब्दुल खालिक, मौलानाअब्दुल कय्यूम, मौलाना इमाम उद्दीन, मौलाना शमसुद्दीन, बदरुद्दीन रज़वी, हाफिज मेराज, हाफिज सलीम,मौलाना मो0 रमज़ानअली, मौलाना मो0 कलीम खान क़ादरी, मौलाना मो0 मुनव्वर खान के अलावा अन्य उलमाए किराम व प्रबन्ध समिति के सदस्य दिलशाद अहमद एडवोकेट, हाजी अज़मत उल्ला, अब्दुल रहमान बच्चे भारती, मकसूद अहमद रायनी और मौलाना रूमी मियां ,शकील मियां, अकील नेता आदिउपस्थित रहे। बैठक के दौरान प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष सैय्यद शमशाद अहमद एडवोकेट ने बताया कि दरगाह प्रबन्ध समिति उर्स की तैयारी को लेकर पूरी तरह से सजग है उर्स के दौरान अक़ीदतमन्दों की आने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुवे साफ सफाई, रोशनी, पानी के साथ ही उनके ठहरने के स्थानों पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है जिससे कि किसी जायरीन को कोई कष्ट ना हो ठण्ड को ध्यान में रखते हुवे अलाव की भी जगह जगह व्यवस्था की जा रही है। जिला व पुलिस प्रशासन को पत्र भेज सूचित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस वाले दिन ही सुबह में मुख्य कार्यक्रम कुल शरीफ पड़ने के कारण प्रोग्राम को सीमित कर झण्डा रोहण से पूर्व ही समाप्त करने का निर्णय लिया गया जिससे कि सभी उलमाए किराम, व अन्य झण्डा रोहण में भी सम्मलित हो सकें।